- Animal Nutrition
Father of Animal nutrition - "Antani Levozeyar
Animal Nutrition (पोषण)- इसके अंतर्गत भोजन को ग्रहण करना उसका पाचन करना, अवशोषण, पोषक पदार्थों का शरीर की विभिन्न कोशिका तक परिवहन और अपशिष्ट पदार्थों को शरीर से बाहर निकालना यह सारी प्रक्रिया पशु पोषण के अंतर्गत आती है ।
Proximate Analacis :- खाद्य पदार्थों में उपस्थित पोषक तत्वों का विश्लेषण जर्मनी के 2 वैज्ञानिक हेंवर्ग व STAVAMEN ने निकाला था,
जिसे Proximate Analacix कहां जाता है
इसके आधार पर भोजन को 6 समूहों में बांटा गया था जो कि निम्न है
1- Water (पानी ) :- किसी भी खाद्य पदार्थ को हॉट एयर ओवन के द्वारा 160 डिग्री सेंटीग्रेड पर सुखाकर पानी ज्ञात किया जा सकता है और बचा हुआ पदार्थ शुष्क पदार्थ कहलाता है विभिन्न प्रकार के पदार्थ में नमी की मात्रा निम्न होती है
(A) पति युक्त माशल चारा जैसे बरसीम रिजका में पानी की मात्रा 80% होती है ।
(B) मोटे तने युक्त फसल मक्का ज्वार में पानी की मात्रा 70% होती है ।
(C) हरी घास में 75 %
(D) हे में 10-12% पानी
(E) तुडी में 10 % पानी
(F) दाना में 10% पानी होता है ।
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2- Ether Exttant(Crude Fat) :- इसमें वसा और वसी एसिड शामिल है इसको Soxhled Apperactor द्वारा ज्ञात किया जाता हैं।
3- Crude Fiber (CF) { कार्बोहाइड्रेट } इसमें आघुलनशील कार्बोहाइड्रेट आते हैं जैसे साइलेज हेमिसेल्लुलोज और लिग्निन आदि ।
4- Crude Protein :- इसमें प्रोटीन तथा नॉन प्रोटीन नाइट्रेट पदार्थ को शामिल किया जाता है किसी भी खाद्य पदार्थ में क्रूड प्रोटीन की गणना करने के लिए उसमें नाइट्रेट की मात्रा ज्ञात करके उसे 6.25 से गुणा किया जाता है ।
CP=6.25 गुणा नाइट्रोजन
5- total ASH :- इसे भट्टी में जलाकर उसे बच्ची राख से टोटल मिनरल्स की गणना की जाती है।
(इसको 600 डिग्री सेंटीग्रेड पर जलाने पर बची हुई राख से टोटल मिनरल्स की गणना की जाती है)
पशुओं के प्रजनन अंगों से संबंधित महत्वपूर्ण क्वेश्चन
6- नाइट्रोजन free Extecte :- इसके अंतर्गत सभी घुलनशील और आसानी से पचने वाले कार्बोहाइड्रेट शामिल है जैसे Ribose शर्करा, डीऑक्सिराइबोस, ग्लूकोस, सुक्रोज, फेक्टोज, आदि नाइट्रोजन फ्री एक्स extacte में %
= 100-cp%+cf+est+Ash
Note
standard pH of silage 3.8 se 4.2 PH
पशु की बॉडी वेट के अनुसार 100 केजी उसके वजन पर 5 केजी साइलेज एनिमल को खिलाना चाहिए ।
Silage-: अधिक नमी वाले हरे चारे को नियंत्रित किणवन क्रिया के द्वारा उत्पन्न उत्पादन साइलेज कहलाता है ।
sailage में नमी की मात्रा 60 से 65% तथा सूचक पदार्थ की मात्रा 30 से 35% होनी चाहिए जिससे गड्ढे में साइलेज बनाते हैं उसे SILOPIT कहते हैं व जमीन के ऊपर साइलेज तैयार किया जाता है उसे साइलो टावर वह खाई में साइलेज तैयार करने को SILO TRANCH कहां जाता है ।
साइलेज बनाने के लिए मक्के की फसल सबसे महत्वपूर्ण फसल होती है ।
जिस फसलों में घुलनशील कार्बोहाइड्रेट ज्यादा हो तो फसल साइलेज बनाने में अधिक उपयुक्त होती है जैसे मक्का ज्वार बाजरा आदि
तथा जिस फसलों में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम हो उसमें साइलेज बनाने के लिए 3 से 5% गुड शिरा मिलाया जाता है साइलेज बनाने के लिए फसल को फूल आने या जब दाना दुग्ध अवस्था में हो तब काटा जाता है
मोटे तने वाली फसल को साइलेज के लिए तथा पत्र लिखने वाली फसल का है बढ़िया बनता है ।
- HAY (हे) :- जब फसल को हरी वह फुलाने की अवस्था में काटकर इस प्रकार सुखाई जाती है ताकि उस में पोषक तत्व नष्ट ना हो ।
- HAY मैं काम आने वाली फसल मुलायम रहे और उसमें नमी की मात्रा 10 से 15% बनी रहे
हे बनाने के लिए सबसे उपयुक्त फसल जई है इसके अलावा बरसीम और रीजका को भी HAY बनाने के लिए उपयोग में लिया जा सकता है HAY बनाने के लिए फसल पतले तने वाली होनी चाहिए तथा साथ में पत्तेदार होनी चाहिए क्योंकि यह HAY बनाते समय पत्तियों का कम से कम छरण होना चाहिए क्योंकि पत्तियों में प्रोटीन विटामिन ए व खनिज की मात्रा सबसे अधिक होती है ।
HAY को जिस स्थान पर सुखाया जाता है उसे BARM कहा जाता है
HAY के भंडारण के समय नमी 15% से अधिक नहीं होनी चाहिए ।


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